dil ki duniya guru
यादों का कांरवां मासूम गुरू लखनवी के साथ
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जब याद आती है .....
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मसीहा
एक जलता हुआ दिया अक्सर मुझसे कुछ कहता है हर तूफां में एक मसीहा रहता है फूलों में रंग, जल में तरंग खुशबू बन हवा के संग-संग वही तो...
बाबा की बिटिया
बाबा की मैं प्यारी बिटिया, घर की मैं नन्हीं सी चिड़िया, मुझसे ही गुलजार था अंगना, फिर क्यों भेजा अंजाने संग, कह कर अब, तेरा है सज...
तेरी नाराजगी ...........
तेरी नाराजगी; जो मुझको पल भर भी नही भाती है, ग़र भुलाना भी चाहूँ; तेरी याद है कि आ ही जाती है। माना की मैं गुनाह-गार हूँ, अब तेरी ...