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कहते है लोग मैं दीवाना हूँ



अधूरी मोहब्बत का अफ़साना हूँ,
भरी भीड़ में इक बेगाना हूँ।
है साथ तेरे यादों की मस्ती
कहते है लोग मैं दीवाना हूँ।।


दीवाली की रात है
दियों की बारात है
खुश है जो अंधेरों में,
मैं वही आशियाना हूँ।


है हसरत-ऐ-जिंदगी 
बस फ़कत इतनी
तेरी चाहत में जान जाए
बस वही परवाना हूँ।


दर्द में सुकूं की... 
तलाश लिए फिरता हूँ।
कोई बताए उनको
ऐसा सिफ़त-ए-दिल मस्ताना हूँ ।


Satguru Sharma

ऐ मेरी जिंदगी! मैनें देखा है तुझको....



ऐ मेरी जिंदगी
मुझे है ये यकीं
तू मिलेगी मुझको 
बस यूं ही कहीं


कि मैनें देखा है तुझको
फूलों में हंसते, बरखा में बरसते 
सूखी माटी में पानी की 
इक बूंद को तरसते हुए


ऐ मेरी जिंदगी!
मैनें देखा है तुझको....


टूटे आशियानों में सिसकते हुए
बेबस निगाहों से रिसते हुए
ऐ मेरी जिंदगी!
मैनें देखा है तुझको....


सुबह के इंतजार में,
रात को पल-पल ढ़लते हुए
नदिया की धार में, लोगो के प्यार में
कल-कल बहते हुए


ऐ मेरी जिंदगी!
मैनें देखा है तुझको....


शहनाइयों के शोर में
सिसकियों को घुटते हुए,
कुछ बनते हुए, कुछ बिगड़ते हुए,
पल-पल बदलते, रिश्तों के दौर में


ऐ मेरी जिंदगी!
मैनें देखा है तुझको....


यादों के धुएँ को फ़िज़ा में...2
अहिस्ता-अहिस्ता घुलते हुए।
ऐ मेरी जिंदगी!
मैनें देखा है तुझको....


सतगुरू शर्मा

12/09/2022