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अभी-अभी बारिश थमी है


अभी-अभी बारिश थमी है
बंद पलकों में भी थोड़ी सी नमी है... ...

बारिश में आँखों से सब बह आया था
दुखती यादों का जो घना साया था
अब सब धुला-धुला सा है
दर्द भी अब थोड़ा घुला-घुला सा है

कि अभी-अभी बारिश थमी है
बंद पलकों में भी थोड़ी सी नमी है... ...

मन के आसमां में इक सुकूं आया है
हर शाख का हर पत्ता नहाया है,
कड़वी यादों को अश्कों मे बहाकर...2
आज खुद को हमने खुद में पाया है।

कि अभी-अभी बारिश थमी है
बंद पलकों में भी थोड़ी सी नमी है... ...

मन की तपती तंग गलियों में...2
भी अब पानी है।
दर्द का एहसास अब इक कहानी है।
कि अभी-अभी बारिश थमी है

बंद पलकों में भी थोड़ी सी नमी है... ...

सतगुरू शर्मा