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ऐ मेरी जिंदगी! मैनें देखा है तुझको....



ऐ मेरी जिंदगी
मुझे है ये यकीं
तू मिलेगी मुझको 
बस यूं ही कहीं


कि मैनें देखा है तुझको
फूलों में हंसते, बरखा में बरसते 
सूखी माटी में पानी की 
इक बूंद को तरसते हुए


ऐ मेरी जिंदगी!
मैनें देखा है तुझको....


टूटे आशियानों में सिसकते हुए
बेबस निगाहों से रिसते हुए
ऐ मेरी जिंदगी!
मैनें देखा है तुझको....


सुबह के इंतजार में,
रात को पल-पल ढ़लते हुए
नदिया की धार में, लोगो के प्यार में
कल-कल बहते हुए


ऐ मेरी जिंदगी!
मैनें देखा है तुझको....


शहनाइयों के शोर में
सिसकियों को घुटते हुए,
कुछ बनते हुए, कुछ बिगड़ते हुए,
पल-पल बदलते, रिश्तों के दौर में


ऐ मेरी जिंदगी!
मैनें देखा है तुझको....


यादों के धुएँ को फ़िज़ा में...2
अहिस्ता-अहिस्ता घुलते हुए।
ऐ मेरी जिंदगी!
मैनें देखा है तुझको....


सतगुरू शर्मा

12/09/2022

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